यादों का विसर्जन..... यादों का विसर्जन.....
जय अभिनाशी , जंगल को बासी महाकाल दुनियां को जाने जय अभिनाशी , जंगल को बासी महाकाल दुनियां को जाने
सस्ती शराब सबके बजट में आयेगी जनता अब शराब पीकर रोज़ त्योहार मनायेगी सस्ती शराब सबके बजट में आयेगी जनता अब शराब पीकर रोज़ त्योहार मनायेगी
कैसे भूलूँ उसको कैसे कर दूँ खुद से अब जुदा कैसे भूलूँ उसको कैसे कर दूँ खुद से अब जुदा
शुक्रिया 'माही' करे, खुदको वार कर जैसे राखे माहिया, रहते जाइए। शुक्रिया 'माही' करे, खुदको वार कर जैसे राखे माहिया, रहते जाइए।
सदा जो सुसंगत में आते रहेंगे विवेकी स्वयं को बनाते रहेंगे उन्हीं की बनी और बनती रहेगी सदा जो सुसंगत में आते रहेंगे विवेकी स्वयं को बनाते रहेंगे उन्हीं की बनी और...